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हो सकता है शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक बनने का सपना चकनाचूर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

कानपुर निज संवाददाता सुप्रीम Court  के फैसले से कानपुर में 2375 शिक्षामित्र प्रभावित होंगे। यहां पहले चरण में 773 और दूसरे चरण में 1602 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी मिलनी थी। लेकिन अब यह फंस सकते है। दरअसल, सूबे के डेढ़ लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने पर संकट छा गया है।
न्यायालय ने निर्देशित किया है कि कोई भी अभ्यर्थी गैर टीईटी शिक्षक नहीं बन सकता है। यह एनसीटीई के नियमों के विपरीत है। इसलिए यह भर्तियां तत्काल प्रभाव से रोकी जाएं।
न्यायायल के इस निर्देश से पूरे प्रदेश के शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है। क्योंकि सहायक अध्यापक बनने की कतार में शिक्षामित्रों को बिना टीईटी केवल दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण देकर यूपी सरकार ने सहायक अध्यापक बना दिया था। अब इन सभी को सहायक अध्यापक बनने पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश सरकार ने वर्षों से प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों को समायोजित करने का फैसला लिया था। जिसके चलते इनको दूरस्थ माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण कोर्स कराया गया। उसके बाद उनको सहायक अध्यापक बनने के लिए अर्ह माना। पहले क्रम में 58 हजार 826 और दूसरे चरण में 91 हजार 104 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया जाना था। पहले चरण में 58 हजार 826 को ज्वाइन कराया जा चुका है। दूसरे चरण में शिक्षामित्रों को अध्यापक बनाने की तैयारी चल रही है।
सूबे के सभी जिलों में पहले चरण में तो शिक्षामित्रों को समायोजित करके उनको सहायक अध्यापक बनाया जा चुका है। इसी क्रम में उनके शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच करके उनका सहायक अध्यापक पदनाम का वेतन भी पास हो चुका है।
जनपद सहित अन्य जिलों में फर्जी शिक्षामित्रों की खूब शिकायतें भी मिली थी। इन शिक्षामित्रों की शैक्षिक अर्हता के दस्तावेज फर्जी थे। जिससे जिलो में शिक्षामित्रों को अध्यापक बनने की रेस से बाहर कर दिया था। कई की शिकायत झूठी भी मिली थी।

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