टेट पास शिक्षा मित्रों की और से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका का महत्व

मित्रों जैसा की आपको ज्ञात है की 12 सितम्बर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा समायोजन रद्द करने के उपरांत प्रदेश के तमाम शिक्षा मित्र संघठनो व् सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में समायोजन को बचाने के लिए अनेक याचिकाये डाली गई।
मित्रों जिन 4 बिंदुओं को लेकर हाइकोर्ट ने समायोजन रद्द किया व अपने 92 पेज के आर्डर में कनकलूड किया जो निम्न है।
1 शिक्षा मित्रों का चयन शिक्षक के सापेक्ष पदों पर न होना।
2 शिक्षा मित्रों की सहायक अधयापक पद पर नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित विभिन्न
नियमो का पालन न होना (उमा देवी प्रकरण)
3आरक्षण के नियमो व् अनुच्छेद 14,16का पालन न होना
4 केंद्र सरकार व ncte द्वारा तय निर्धारित योग्यता न होना।
मित्रों सरकार व संगठन की और से डाली गई सभी याचिकाओं में सभी बिंदुओं को कोर्ट में चेलेंज किया गया है चारो बिंदुओं में से ऊपर के तीन बिंदुओं पर राज्य सरकार द्वारा मज़बूती से दिया गया स्पष्टीकरण ही काफी होगा जबकि चोथे बिंदु यानी निर्धारित योग्यता के मामले में केंद्र सरकार की बाडी ncte और mhrd के काउंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।यहाँ देखना ये है की यदि mhrd और ncte के लगाये गए काउंटर और उनके वकीलों की दलीलों से कोर्ट हमारे पक्ष में सहमत हो तो समायोजन निश्चित तोर पर नॉन टेट पर ही 100%बच जायेगा।परन्तु वहीँ यदि ncte और mhrd हमारे पक्ष में काउंटर नही लगाते है या अगर लगाते भी है और जज महोदय उनके तर्को से सन्तुष्ट न हो तब समायोजन का बचना असम्भव है।इसलिए चूँकि समायोजन का बचना और न बचना जब टेट ही डिसाइड करेगा तो वहां जो भी टेट वाला कोर्ट में मौजूद होगा वो 1000%बाज़ी मार लेगा।ऐसे में शिक्षा मित्रों के समायोजन को बचाने के लिए टेट उत्तीर्ण शिक्षा मित्रों की और से डाली गई याचिका अचूक अस्त्र है।24 फ़रवरी को जब 30 हज़ार btc वाले टेट टेट चिल्लायेंगे तो उनके तोड़ के लिए शिक्षा मित्रों की और से भी 50000 टेट पास शिक्षा मित्र अपना झंडा बुलन्द करेंगे।ऐसे में योग्यता के प्रश्न पर कम से कम जज महोदय को कन्फ्यूज़ होने से बचाया जा सकेगा।अगर अरशद कोर्ट में बोलेगा की 30 हज़ार लोग टेट पास मौजूद है तो हमारी और से भी कहा जायेगा की सर शिक्षा मित्रों में भी 50 हज़ार लोग टेट पास है।इसलिए विरोधियों की कमसे कम ये चाल तो टेट पास slp के द्वारा मात दे दी जायेगी।दूसरी और योग्य लोगो का अगर अंत में समायोजन बचता है तो यही निर्णय नान टेट को भी रास्ता दिखायेगा 100% अगर टेट उत्तीर्ण शिक्षा मित्रों का समायोजन बचेगा तो ये भी 100000%तय है की बिना टेट वालो को फिर टेट करने हेतु समय दिया जायेगा।जज दीपक मिश्रा की बेंच से अब फूल टेस्टिड निर्णय आएगा।ये तो तय है।शिक्षा मित्रों का समायोजन तो हर हालात में बचेगा और प्रारूप किया होगा ये कोर्ट ही डिसाइड करेगा।15 वर्षो की मेहनत का फल मिलकर रहेगा।ज़रूरी है बस अच्छे लायर से सुनवाई कराई जाए।7 दिसम्बर को जहाँ सरकार और संघ ने मिलकर अच्छे लायर किये थे।वहीँ देवीलाल और सलमान आरफ़ी की टेट टीम ने केवल 700 लोगो के दम पर अभिषेक मनु सिंघवी जेसे अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट में खड़ा करके अपनी वित्तीय प्रबन्धन की योग्यता को साबित कर दिया। जो लोग हमारी योग्यता और विश्वसनीयता पर सवाल करते नहीं थकते थे।अभिषेक सर को कोर्ट में देखकर हमारी पीठ थप थपा रहे थे

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