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क्यों रुका आरओ-एआरओ रिजल्ट!

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अपनी परीक्षाओं में इस बीच तेजी पकड़ी है लेकिन समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2014 को लेकर उसके कदम ठिठक गए हैं। इस परीक्षा का
आखिरी चरण टाइप टेस्ट के रूप में जुलाई में पूरा हो चुका है और अब सिर्फ परिणाम घोषित होना ही शेष है।
इस बीच आयोग आरओ-एआरओ-2016 की तैयारियां में जुट गया है, जिसकी प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर को है। 2014 की आरओ (समीक्षा अधिकारी)/ एआरओ (सहायक समीक्षा अधिकारी) परीक्षा कुल 572 पदों के लिए हुई थी। इसका प्रारंभिक इम्तिहान 25 अप्रैल, 2015 को और मुख्य परीक्षा 29 व 30 अगस्त, 2015 को हुई।
परीक्षा में एक लाख से अधिक छात्र शामिल थे। छात्रों के लिए इसमें अधिक रुचि इसलिए भी थी क्योंकि सचिवालय के समीक्षा अधिकारी पद पर 251 पदों की और सहायक समीक्षा अधिकारी के 200 पद भरे जाने थे। लोक सेवा आयोग के 72 पदों और वक्फ निरीक्षक के 18 पद भरे जाने थे। इस परीक्षा के लिए गत जुलाई में टाइप टेस्ट हुआ लेकिन तब से अब तक रिजल्ट तैयार नहीं हो सका। प्रतियोगियों को आशंका है कि किसी दबाव में रिजल्ट प्रभावित हो सकता है और रिजल्ट रोकने की वजह भी यही है। इस बीच आयोग में न कोरम की कमी है और न ही प्रशासनिक पद खाली हैं। प्रतियोगियों का आरोप है कि आयोग में वक्फ निरीक्षक पदों को लेकर भीतर ही भीतर कोई खेल हो सकता है।
नोटों की कमी ने उठाई यात्र भत्ते की मांग : समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी पद की 27 नवंबर को होने जा रही परीक्षा के लिए प्रतियोगियों ने यात्र भत्ते की मांग की है।

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