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पुराने स्थान से पुराने पद का मिलेगा वेतन, जुगाड़ से तैनाती में संशोधन कराने वाले शिक्षकों पर गिरी गाज

प्रतापगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्नति, तैनाती व तैनाती में सुविधा शुल्क लेकर परिवर्तन करने का मसला अब गंभीर मोड़ लेता नजर आ रहा है। बीएसए ने इस संबंध में शासन द्वारा कराई जा रही जांच का हवाला देते हुए पदोन्नत शिक्षकों को नया वेतन देने से साफ इंकार कर दिया है।
बीएसए के निर्देश के अनुसार जांच पूरी होने तक पदोन्नत शिक्षकों को पुरानी तैनाती के स्थान से सहायक अध्यापक का ही वेतन दिया जाएगा। बीएसए के इस आदेश ने सुविधा शुल्क देकर तैनाती में संशोधन कराने वाले शिक्षकों की नींद उड़ा दी है। वैसे उनके चक्कर में अन्य शिक्षक भी पिस रहे हैं और उनकी दीवाली फीकी पड़ती नजर आ रही है।
डेढ़ साल पहले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 730 पदों पर शिक्षको को पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी जिसमें लंबा वक्त लग गया। तत्कालीन बीएसए एचटी हुसैन काउंसलिंग कराने की तैयारी कर रहे थे तभी उनका तबादला हो गया था। उनके बाद आए माधवजी तिवारी ने मई में काउंसलिंग कराई थी लेकिन पदोन्नति की सूची जारी करने से पूर्व ही उनका भी तबादला हो गया। इसके बाद आए अजय कुमार सिंह ने दो बार काउंसलिंग कराई। सूची जारी करने से पहले ही उनका भी तबादला हो गया था पर जिले में रुके रहे और नौ सितंबर को 714 पदों पर शिक्षको को पदोन्नति का आदेश जारी कर दिया।

अजय कुमार सिंह ने पदोन्नति के साथ ही शिक्षकों का स्थानांतरण भी कर दिया था। बाद में मनमाने ढंग से तबादले के आदेश में संशोधन भी कर दिया था। इसमें उनपर बड़ी मात्र में धनउगाही करने का आरोप भी लगा था। बताया गया कि 50 हजार से लेकर 80 हजार रुपये तक वसूल कर तैनाती में संशोधन किया गया था। इस दौरान 137 शिक्षको के तैनाती आदेश में संशोधन हुआ था। इस संशोधन के आदेश जारी करने के बाद ही उन्होंने नवागत बीएसए बीएन सिंह को चार्ज सौंपा था। इस मामले में जागरण ने विस्तार से खबरें प्रकाशित की थी। इस क्रम में डीएम ने डीडीओ आरके वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच का निर्देश दिया था। यह टीम जांच कर चुकी है पर अभी रिपोर्ट नहीं सौंपा है। इस बीच मामला शासन तक पहुंच गया। शासन के निर्देश पर पिछले दिनों एडी बेसिक ने भी मामले की जांच की। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएसए बीएन सिंह ने शुक्रवार को पदोन्नति पाने वाले शिक्षको को प्रधानाध्यापक का वेतन देने पर रोक लगा दी। उन्होंने सभी को सहायक अध्यापक का वेतन देने व उस स्कूल से वेतन जारी करने जहां पदोन्नति के पहले वह तैनात थे, का निर्देश दिया। बीएसए बीएन सिंह का कहना है कि अभी तैनाती में किये गए संशोधन की जांच चल रही है। इसलिए ऐसा आदेश किया गया है। शिक्षकों से 10 दिन का समय लिया गया है। सब कुछ सही पाए जाने पर अगले महीने एरियर दे दिया जाएगा।

बीएसए से मिले शिक्षक : पदोन्नति के बाद भी सहायक अध्यापक का वेतन पुरानी तैनाती के विद्यालय से दिए जाने की सूचना से परिषदीय अध्यापकों में खलबली मच गई। शनिवार को बड़ी संख्या में पदोन्नत अध्यापकों ने बीएसए से मुलाकात की।

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