ऐतिहासिक फैसला : जब तक डिग्री नहीं दी जाती प्रोविजनल सर्टिफिकेट है मान्य : हाई कोर्ट

जब तक डिग्री नहीं दी जाती प्रोविजनल सर्टिफिकेट मान्य है। प्रोविजनल सार्टिफिकेट पर उसके खत्म होने की कोई तारीख नहीं होती है।
यह टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को एक छात्र को एलएलबी फस्र्ट ईयर (2016-17) में अनुसुचित जनजाति वर्ग में दाखिला देने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा कि जब डिग्री जारी हो जाती है तो प्रोविजनल अपने आप खत्म हो जाता है। अदालत ने डीयू को फटकार लगाते हुए कहा कि उसका यह तर्क स्वीकार योग्य नहीं है कि प्रोविजनल सर्टिफिकेट के आधार पर दाखिला नहीं दिया जा सकता।
उम्मीदवार ने उत्तराखंड गढ़वाल विश्वविद्यालय का मान्य सर्टिफिकेट पेश किया है। यह याचिका विनोद कुमार ने दायर की थी। विनोद के अनुसार उन्होंने लॉ प्रवेश परीक्षा में अनुसूचित जाति वर्ग में 49वीं रैंक प्राप्त की थी। 2007 में उत्तराखंड, गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीए पास कोर्स किया था। 2010 अक्टूबर में विश्वविद्यालय की तरफ से केवल प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ, लेकिन 28 अगस्त को डीयू ने सर्टिफिकेट के आधार पर दाखिला देने से मना कर दिया।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Breaking News This week