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शिक्षामित्र समायोजन मामले की नयी दिशा

दोस्तों देश भर के संविदा/पैरा शिक्षकों के नियमितीकरण के प्रति केन्द्र सरकार की भूमिका अभी तक कुछ सही नही है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अभी तक जितने केस सामने आये हैं उसमे सभी पक्षकारों  द्वारा  राजनीति के सिवा कुछ भी नही हुआ है...!!
उत्तराखंड,दिल्ली,हिमाँचल प्रदेश ,झारखंड हो या सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश हो सभी जगह rte act 2009 मे निहित कानून ही लागू हुआ है !!..जो कूछ सपने दिखाये भी गये थे सब लॉलीपॉप निकले !!
वात up की करे यहाँ समायोजन तो हो गया है पर केस सुप्रीम कोर्ट  गतिमान है....!! इसी शिक्षामित्रों के समतुल्य उत्तराखंड मे भी hc द्वारा  बिना tet के नियुक्ति कॊ अवैध करार किया जा चुका है ।
यहाँ ये सवाल उठ रहा कि जब अन्यत्र राज्यों मे अभी तक कोई संविदा शिक्षक रेगुलर नही हो सकता न्यायालय के अनुसार तो up मे क्या होगा ???
ये सवाल गम्भीर भी है ,आखिर एक ही बात है जो हमे बलवती बना रहीं है ,वो है माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राप्त ,, स्थगन आदेश ,, । परंतु एक विरोधाभास बिंदु उभर रहीं है...कि न्यायालय भी तो व्यवस्थापिका के अनुपालन मे ही ऑर्डर पारित करती हैं !..rte act ने अभी तक गले कि हड्डी बनकर...हमे बेचैन कर रखी है !!
1⃣क्या ये कानून संशोधित हो सकता है ?
2⃣क्या सहानूभूति के बलबूते हम सफल होगे कोर्ट से ?
3⃣क्या कोई कन्डिशनल ऑर्डर आयेगा ?
कई ऐसे यक्ष प्रश्न है जो 172000 साथियों के मस्तिष्क मे दिन -रात रेंग रहे हैं !!!
*सूबे मे bjp सरकार बनने पर...एक नयी सोच शिक्षामित्रों मे लहर कि तरह हिलोरें मार रहीं है कि up मे भी केन्द्र की सत्ता होने पर हमारे भी अच्छे दिन आयेंगे*..
दिल्ली...की सल्तनत क्या करेगी ये भविष्य के गर्त मे है !!!     नयी सरकार कॊ मेरी तरफ़ से हार्दिक शुभकामनाएँ....!!
, *शिक्षामित्र का विकास*, *शिक्षामित्र का साथ*
इसी अपेक्षा के साथ....!
जय हिन्द..जय शिक्षामित्र
आशीष मिश्र
जनपद-इलाहाबाद ।
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