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सुप्रीम कोर्ट (सौ बात की, एक बात) : समायोजन वैद्य कराने दिशा में अग्रसर

*सुप्रीम कोर्ट (सौ बात की, एक बात)*
मित्रों, जैसा कि विगत एक सप्ताह से,  माननीय सुप्रीम कोर्ट में, हमारे सभी पैरवीकारों की तरफ से हायर किए गए वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पैनल..सकारात्मक बहस करके, हमारा समायोजन वैद्य कराने दिशा में अग्रसर हैं....
सौ बात की,एक बात है हम लोग इस समय 80:20 के समानुपातिक में, सक्रिय हैं...
गतिमान परिस्थितियों में, जो हमारे पक्ष में,  सुनवाई के दौरान, प्रबल पक्ष निकल कर आये, वह निम्नांकित हैं..
1. *एनसीटीई का सकारात्मक पक्ष*
2. *केन्द्र व राज्य सरकार की मजबूत पैरवी*
3. *हमारे सभी पैरवीकारों का एकजुट होकर सही दिशा में,  वरिष्ठ अधिवक्ताओं के पैनल से,  सकारात्मक दिशा में, बहस कराना*..
4. *अपने मजबूत पक्ष को,  जज महोदय जी के समक्ष सही प्रस्तुति करना*.
5. *जज महोदय को,  अनुभव कराना कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला,  एक पक्षीय व बचकाना है.. अत: हमें सुनने का पूर्ण अवसर दिया,  जज महोदय जी के द्वारा स्वीकृति प्रदान करना आदि*..
5. *सबसे मजबूत पक्ष, पौने दो लाख शिक्षामित्रों का अपनी कुंम्भकर्णी नींद से जाग जाना आदि*..
गतिमान परिस्थिति में, हमारे निर्बल पक्ष,  जो निम्नांकित हैं..
1. *इलाहाबाद हाई कोर्ट के 91 पेज वाले आदेश को लेकर,  बार बार आक्रमण करना*.
2. *उक्त बेंच में,  सिद्ध करना कि.. हमारी नियुक्ति/ समायोजन... .. नियमावली -2001 के अधीन है या शिक्षा का अधिकार अधिनियम -2009 के अधीन*..
*जो एक यक्ष प्रश्न हैं*?
*उक्त के क्रम में,  अग्रिम होने वाली सुनवाई तिथि - 17मई ..4:10 से ही.. हमारे विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ताओं के बहस के दौरान ही निकल कर आयेगा कि.. समायोजन बहाली हेतु.. विधिक रुप से, .. कौन नियमावली.. हमारे लिए.. सही साबित होगी.. जिस पर जज महोदय जी की पूरी जीत की पटकथा लिखी जानी है*
*अतएव सौ बात, एक बात.. अब वास्तविक रुप से,17 मई को हमारे विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ताओं के बहस/साक्ष्यों के द्वारा ही निर्धारण हो जाएगा.. कि हम वैधानिक रुप से किस नियमावली के अनुसार वैद्य ह*ै..
*हम सभी पौने दो लाख शिक्षामित्रों को उक्त तिथि का बड़ी ही बेचैनी से प्रतीक्षा रहेगी*.
*अत: अब तत्कालीन में  निरन्तर 18 दिन तक चले महाभारत युद्ध की भांति.. आप सभी पौने दो लाख शिक्षामित्र साथी अपने धनबल से, अपने पैरवीकारों को मदद करने हेतु तत्पर रहें... क्योंकि वर्तमान में गतिमान महाभारत में.. केवल धनबल की ही आवश्यकता होगी.. केश लम्बा खिचने पर.. आर्थिक इमरजेंसी न होने पायें*
उक्त *सौ बात की, एक बात* के साथ
जय हिंद
जय शिक्षामित्र
आपका
*जिला संगठन ASSWA इलाहाबाद*
✍एवं मीडिया प्रभारी *प्रदीप पाल* जिला इकाई, इलाहाबाद
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