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जनपदीय समिति ही करेगी शिक्षकों का समायोजन

 - शासन ने भेजा पत्र, प्रक्रिया पूर्ण कराने में जुटा बेसिक शिक्षा विभाग
- तीस अप्रैल 2017 को भेजी गई छात्र संख्या ही बनेगा आधार

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती में सामने दिख रही असमानता शीघ्र ही दूर होगी। बेसिक शिक्षा विभाग समायोजन के जरिए ऐसे विद्यालयों जहां शिक्षक अधिक हैं उन्हें कम शिक्षक संख्या वाले विद्यालयों में भेजने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है।सबसे अहम तो यह है कि परिषद द्वारा आनलाइन किए जाने वाले समायोजन के बजाय जनपदीय समिति को ही आफलाइन समायोजन की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। हालांकि समायोजन शासनादेश के प्रावधान व तीस अप्रैल 2017 को भेजी गई छात्र संख्या के अनुरूप ही करने का निर्देश दिया गया है।
परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती में किए गए खेल की दशा यह है कि कहीं नाम मात्र की छात्र संख्या के बाद भी शिक्षकों की भरमार है। तो वहीं कहीं छात्र संख्या की अधिकता के बाद भी एक-दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे विद्यालयों में कैसे सभी कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित हो इसको लेकर शिक्षक परेशान व हलकान रहते हैं। इस तरह की स्थिति को संतुलित करने के लिए जिला स्तर पर होने वाली शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया को इस बार परिषद ने आनलाइन करने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के बाद पूरे महकमे में सन्नाटा सा पसर गया था। एक ओर जहां पटल देखने वाले कर्मचारी सकते में थे तो शिक्षकों में भी यह ¨चता घर करने लगी थी कि अपने मनचाहे विद्यालय पर कैसे पहुंचेगे। बहरहाल कतिपय कारणों से शासन ने जनपदीय चयन समिति के माध्यम से ही समायोजन प्रक्रिया को पूर्ण कराने की हरी झंडी दे दी है। शासन स्तर से आए पत्र में शासनादेश के प्रावधान व तीस अप्रैल 2017 की छात्र संख्या को लेकर जो विवरण परिषद को भेजा गया है उसी के आधार पर ही समायोजन प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रकाश नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि समायोजन प्रक्रिया को 18 जुलाई तक पूर्ण कराने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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तो बढ़ जाएंगे छह सौ शिक्षक
- तीस अप्रैल 2017 को परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या को आधार बनाकर समायोजन किया गया तो करीब छह सौ शिक्षक बढ़ जाएंगे। इसे लेकर शिक्षक पशोपेश में पड़े हुए हैं। साथ ही अप्रैल के बजाय जुलाई 2017 की छात्र संख्या के आधार पर समायोजन की मांग उठने लगी है।
दरअसल, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो शिक्षक अथवा तीस छात्र पर एक शिक्षक की तैनाती होनी चाहिए। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कम से कम तीन अथवा 35 छात्र पर एक अध्यापक की तैनाती किए जाने का प्रावधान है। अब देखा जाय तो जिले में तैनात करीब 42 सौ शिक्षकों में समायोजन किया जाय तो तीस अप्रैल 2017 को भेजी गई छात्र संख्या लगभग एक लाख 15 हजार के सापेक्ष 36 सौ के आस पास शिक्षक की ही जरूरत पड़ेगी। करीब छह सौ शिक्षक अधिक हो जाएंगे। शिक्षकों का कहना है कि जुलाई 2017 में बच्चों की संख्या बढ़ गई है। इस लिहाज से समायोजन जुलाई की छात्र संख्या के आधार पर की जानी चाहिए।

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