PRIMARY SCHOOL DROPOUT: स्कूल छोड़ने वालों की संख्या छुपा रहा शिक्षा विभाग, आधार अनिवार्यता बनी रोड़ा

शासन द्वारा प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था को सुधारने के लिए की जा रही कवायद का खास फायदा नहीं हो रहा है। होल्ड सर्वे में अधिकारी लगभग तीन सौ बच्चे कम होने की बात कह रहे हैं, जबकि नए शैक्षिक सत्र के लिए
मंगवाई गई किताबों में यह आंकड़ा चार हजार के करीब है।
आंकड़ों में हुई गिरावट का कारण अधिकारी आधार कार्ड की अनिवार्यता को बता रहे हैं।
सभी बच्चे शिक्षित हों और हर बच्चे का विद्यालय में दाखिला हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत हाउस होल्ड सर्वे कराया जाता है। इस बार बीच में शिक्षा छोड़ने वाले बच्चों की संख्या 339 है। इसका कारण आंशिक विकलांगता को बताया जा रहा है। कूड़ा बीनने वाले, ढाबों आदि में काम करने वाले बच्चों को शामिल नहीं किया गया है।
रोक नहीं पा रहीं योजना: विभाग द्वारा बच्चों के लिए निश्शुल्क शिक्षा के अलावा फ्री किताबें और यूनीफॉर्म भी मुहैया कराई जाती है। मिड डे मील के अलावा आरक्षित वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। ये सब योजनाएं भी स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को पढ़ने के लिए रिझा नहीं पा रही हैं।
आधार अनिवार्यता बनी रोड़ा: अधिकारियों की मानें तो आधार कार्ड की अनिवार्यता नामांकन में कमी आने का सबसे बड़ा कारण है। एक जुलाई से 31 जुलाई तक चलाए जा रहे स्कूल चलो अभियान में नामांकन में बढ़ोतरी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

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