जागरण संवाददाता, एटा: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार से
राहत की उम्मीद लगाए बैठे शिक्षामित्र रविवार देर शाम को सैकड़ों की संख्या
में लखनऊ कूच कर गए। पुलिस प्रशासन पर भी आरोप लगाए गए हैं कि उसने
नाकाबंदी कर शिक्षामित्रों की बसों को जाने से रोका।
फिर भी नेताओं का दावा है कि दो दर्जन बसें एटा से लखनऊ रवाना हुई हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों से 15 दिन का समय मांगकर उनके स्कूलों में लौटने की बात कही गई थी। 15 अगस्त तक सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक पहल न होने के कारण शिक्षामित्र फिर से आंदोलन शुरू कर बैठे। शनिवार को भी रेलवे स्टेशन का घेराव किया गया। ऐसे में प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश पर सोमवार से लखनऊ में होने वाले प्रदर्शन और आंदोलन में सहभागिता के लिए रविवार शाम को शिक्षामित्रों की रवानगी की तैयारी पहले ही हो चुकी थी। ब्लॉक मुख्यालयों के अलावा जिला मुख्यालय से भी बसों की व्यवस्था की गई। शिक्षामित्र नेताओं का आरोप है कि दोपहर से ही प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए नाकाबंदी शुरू कर दी। इसके बावजूद भी शिक्षामित्रों ने अपनी रणनीति के तहत लखनऊ के लिए रवानगी की। कुछ शिक्षामित्र नाकाबंदी की जानकारी होने पर ट्रेन से ही लखनऊ के लिए कूच कर गए। संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति के संयोजक राजेश गुप्ता, सह संयोजक मनोज कुमार, कृपाल ¨सह, अवधेश कुमार आदि ने कहा कि प्रशासन की मंशा उन्हें रोकने की थी। इसके बावजूद भी देर शाम तक दो दर्जन बसें रवाना हो गईं। जिले से सैकड़ों शिक्षामित्र लखनऊ में होने वाले प्रदर्शन में सोमवार को सहभागिता करेंगे। उन्होंने कहा कि संघर्ष जारी रखा जाएगा। रवानगी के दौरान हरिओम प्रजापति, राष्ट्रदीप पचौरी, ओमेंद्र कुशवाह, प्रभा मिश्रा, भूरी ¨सह, विपिन राघव, मु. ईशाक, अर्चना शर्मा, नीलम राठौर, दीप माला आदि शिक्षामित्र मौजूद थे।
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फिर भी नेताओं का दावा है कि दो दर्जन बसें एटा से लखनऊ रवाना हुई हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों से 15 दिन का समय मांगकर उनके स्कूलों में लौटने की बात कही गई थी। 15 अगस्त तक सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक पहल न होने के कारण शिक्षामित्र फिर से आंदोलन शुरू कर बैठे। शनिवार को भी रेलवे स्टेशन का घेराव किया गया। ऐसे में प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश पर सोमवार से लखनऊ में होने वाले प्रदर्शन और आंदोलन में सहभागिता के लिए रविवार शाम को शिक्षामित्रों की रवानगी की तैयारी पहले ही हो चुकी थी। ब्लॉक मुख्यालयों के अलावा जिला मुख्यालय से भी बसों की व्यवस्था की गई। शिक्षामित्र नेताओं का आरोप है कि दोपहर से ही प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए नाकाबंदी शुरू कर दी। इसके बावजूद भी शिक्षामित्रों ने अपनी रणनीति के तहत लखनऊ के लिए रवानगी की। कुछ शिक्षामित्र नाकाबंदी की जानकारी होने पर ट्रेन से ही लखनऊ के लिए कूच कर गए। संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति के संयोजक राजेश गुप्ता, सह संयोजक मनोज कुमार, कृपाल ¨सह, अवधेश कुमार आदि ने कहा कि प्रशासन की मंशा उन्हें रोकने की थी। इसके बावजूद भी देर शाम तक दो दर्जन बसें रवाना हो गईं। जिले से सैकड़ों शिक्षामित्र लखनऊ में होने वाले प्रदर्शन में सोमवार को सहभागिता करेंगे। उन्होंने कहा कि संघर्ष जारी रखा जाएगा। रवानगी के दौरान हरिओम प्रजापति, राष्ट्रदीप पचौरी, ओमेंद्र कुशवाह, प्रभा मिश्रा, भूरी ¨सह, विपिन राघव, मु. ईशाक, अर्चना शर्मा, नीलम राठौर, दीप माला आदि शिक्षामित्र मौजूद थे।
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