Breaking Posts

Top Post Ad

तंत्र की गलती की सजा शिक्षामित्रों को क्यों , शिक्षामित्रों की मांगें

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : जिला मुख्यालय पर शुक्रवार को भी शिक्षामित्रों का धरना जारी रहा। शिक्षामित्रों ने हुंकार भरते हुए कहा कि आखिर कोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन में अपनाई गई प्रक्रिया को दोषपूर्ण माना है तो इसकी सजा शिक्षामित्रों को क्यों दी जा रही है।
व्यवस्था को बनाने वालों को दंड मिलना चाहिए।
समायोजित शिक्षामित्रों को 25 जुलाई को कोर्ट ने शिक्षक मानने से इन्कार किया था। इसके बाद शिक्षामित्र धरने पर बैठे। स्कूलों में भी ताले पड़ गए। बाद में प्रदेश सरकार से वार्ता के बाद 15 दिन के लिए आंदोलन स्थगित किया गया, लेकिन सरकार द्वारा 25 जुलाई तक का ही वेतन देने के आदेश देने के बाद में शिक्षामित्रों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। 14 अगस्त से चल रहा धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। सुबह ही शिक्षामित्र धरना स्थल पर पहुंच गए। शिक्षामित्रों ने प्रदेश भर में फैसले से आहत शिक्षामित्रों के आत्महत्या करने एवं सदमे से जान जाने की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा आखिर में शिक्षामित्र एवं उनके परिवारों को किस जुर्म की सजा दी जा रही है। शिक्षामित्रों ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर काफी शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं, लेकिन अब शिक्षामित्रों का धैर्य जवाब दे रहा है। धरने के बाद में सरकार के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।
श्रीओम यादव, आदेश यादव, सुधीर यादव, जितेंद्र ¨सह यादव, धर्मेंद्र कुशवाहा, संतोष यादव, प्रवेश यादव, साहूकार वर्मा, चंद्रभान वर्मा, मालती शर्मा, प्रेमवती, नीलम यादव, राजेश यादव, नीरज चौहान, आशीष मिश्रा, संतोष यादव, अजय कुमार, रामप्रवेश, ज्योत जादौन, विजय कुमार प्रमुख हैं।
--------------
बरसात के चलते तीन बजे खत्म हुआ धरना :
प्रतिदिन शाम पांच बजे तक चलने वाला धरना शुक्रवार को बरसात के चलते जल्दी खत्म हो गया। ढाई बजे करीब होने वाली बूंदाबांदी से शिक्षामित्रों के धरने में विघ्न पड़ गया। खुले आसमान के नीचे बैठे शिक्षामित्र बरसात से बचने के लिए पेड़ों के नीचे पहुंच गए। इसके बाद धरने को खत्म कर दिया गया।
--शिक्षामित्रों की मांगें--
* अध्यादेश बनाकर पुन: शिक्षक पद पर समायोजन।
* समायोजन होने तक समान कार्य-समान वेतन व्यवस्था पर विचार कर जल्द फैसला लिया जाए।
* मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं एनसीटीई के पैरा चार में संशोधन कर टीईटी से छूट दी जाए।

* सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन डाल सरकार मजबूती से पैरवी करे।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

No comments:

Post a Comment

Facebook