जंतर मंतर से लौटे शिक्षामित्र, 22 सितंबर को वाराणसी में पीएम का करेंगे घेराव

लखनऊ. यूपी के 50 हजार शिक्षामित्रों का दिल्ली के जंतर-मंतर पर बीते चार दिनों से चल रहा धरना प्रदर्शन स्थगित हो गया है। शिक्षामित्रों ने ये फैसला आपसी सहमति से लिया है।
उन्होंने अब 22 सितम्बर को देश के पीएम के वाराणसी के दौरे के दिन परिवार सहित प्रदर्शन करने का एलान किया है। वे वाराणसी में अपने परिवार के साथ पीएम के कार्यक्रम के दिन सड़कों पर उतर कर प्रोटेस्ट करेंगे। इसके जरिये वे पीएम से मदद की गुहार लगायेंगे।

HRD मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर से बात हुई फेल
-शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने HRD मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर से गुरूवार को दिल्ली के शास्त्री भवन में मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान उनकी बात बेनतीजा रही, जिसके बाद शिक्षामित्र दिल्ली की सड़कों पर निकल गए। उन्होंने सड़कों पर प्रदर्शन किया, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आसूं गैस के गोले छोड़ने पड़े। पुलिस शिक्षामित्रों को गिरफ्तार कर अपने साथ थाने लेकर आई, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया ।चार दिनों के प्रोटेस्ट के दौरान इन शिक्षामित्रों ने मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में अर्धनग्न प्रदर्शन भी किया था।

क्या है शि‍क्षामित्रों का मामला?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।

- बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
- जस्ट‍िस एके गोयल और ज‍स्ट‍िस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
- सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद से शिक्षामित्र योगी सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शि‍क्षामित्रों को 3500 रूपए मानदेय मिलता है जिसे वो 39 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं।
- मानदेय बढ़ाने, अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन करने सहित कई अन्य मुद्दों पर शिक्षामित्रों की सीएम और अपर सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप से अब तक कुल 3 बार वार्ता हुई थी। इसके बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

अखिलेश ने किया था ट्वीट

- वहीं, 7 जुलाई को ने एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने लिखा- ''अब उत्तर प्रदेश के गांवों में बच्चों की पढ़ाई बंद।''
- इससे पहले 21 अगस्त को भी अखिलेश ने शि‍क्षामित्रों के सपोर्ट में एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था- ''लखनऊ में लाखों शिक्षामित्र अपने परिवार के भरण-पोषण और अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, Picnic के लिए नहीं।''
- ये ट्वीट सीएम योगी के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोग गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट बनाने पर तुले हैं। हम इस शहर को पिकनिक स्पॉट नहीं बनने देंगे। ये बयान योगी ने राहुल गांधी के गोरखपुर दौरे से पहले दिया था।

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