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फर्जी मार्कशीट पर यहां भी बंटी थी नौकरियों की रेबड़ी

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) ने अभी सिर्फ एक सत्र की जांच कर 4500 फर्जी शिक्षकों की सूची को जारी किया है लेकिन जिले के सैकड़ों शिक्षकों की नींद उड़ गई है। शनिवार को कई शिक्षक बीएसए दफ्तर के इर्द-गिर्द चक्कर काटते हुए नजर आए।
सूची में किस-किसके नाम हैं। यह जानने के लिए कुछ शिक्षक तो आगरा तक की दौड़ लगा रहे हैं। बर्खास्तगी की गाज कई महिला शिक्षिकाओं पर भी गिरना तय है, जिनके पतियों ने उस वक्त विवि में से¨टग कर नंबर बढ़वा कर पत्नियों को परिषदीय स्कूलों में नौकरी दिला दी, लेकिन अब इनके चेहरों की रंगत उड़ी हुई है।
इस सूची के सामने आने के बाद में माना जा रहा है कि फीरोजाबाद शिक्षा जगत के कई चर्चित चेहरों से भी नकाब उतरना तय है। जिन्होंने अपने साथ में परिजनों को भी नंबरों के खेल से बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी दिला दी। सूत्रों की माने तो शिक्षा जगत में वक्त-वक्त पर शिक्षाधिकारियों और डायट प्राचार्यों के खास रहे कई चेहरे ऐसे हैं जिन्होंने नौकरियों की रेबड़ियां बांटने में बिचौलिए का काम किया था। घर बैठे बीएड की डिग्री दिलाने के साथ में बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी करा कर नौकरियां लगवाने वालों के नाम विभाग के शिक्षकों की जुबां पर रटे पड़े हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्होंने खुद तो नौकरी मृतक आश्रित कोटे या अन्य कोटे में पाई, लेकिन बाद में नंबरों के इस खेल में शामिल होकर मोटी कमाई भी की। इन्होंने लाखों में बीएड की डिग्री बांटने के साथ में नौकरी लगवाने तक का सौदा किया था। हालांकि एसआइटी की जांच से यह अभी बचे हुए हैं, लेकिन कई शिक्षक खुद भी फर्जी अंकपत्र में फंसेंगे।
जिले से भी कई शिक्षक हुए थे एसआइटी में तलब : जिले से कई शिक्षक-शिक्षिकाओं को एसआइटी ने लखनऊ मुख्यालय पर पूछताछ के लिए तलब किया था। इनमें से जो शिक्षक सत्र 2004-05 के हैं, उन्हें सबसे ज्यादा ¨चता सता रही है।
जांच के नाम पर स्थानीय स्तर पर भी हुई वसूली : एसआइटी जांच के नाम पर शिक्षकों से बड़ी वसूली हुई। स्थानीय स्तर पर तत्कालीन शिक्षाधिकारियों ने भी बहती गंगा में हाथ धोने से गुरेज नहीं किया। जब भी एसआइटी के नाम से शिक्षकों को बुलावा आया तो स्थानीय स्तर पर शिक्षकों से बिचौलियों ने बचाव के नाम पर अच्छी-खासी रकम वसूली। इसके बाद ये शिक्षक नि¨श्चत बैठे हुए थे, लेकिन अब बर्खास्तगी के आदेश के बाद पछता रहे हैं।
कई दे सकते हैं नौकरी से त्यागपत्र : सिर्फ 2004-05 के ही नहीं, बल्कि इसके बाद के भी कई सत्रों के शिक्षक हैं, जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी पाई। यह परेशान हैं। इन्हें डर सता रहा है कि अगर जांच जारी है तो आगे आने वाली सूची में इनका भी नाम होना तय है। ऐसे में यह दौड़ लगाने लगे हैं। विभाग के सूत्रों की माने तो अगर सख्त कार्रवाई हुई तो जिनके नाम नहीं हैं वो त्यागपत्र देकर बचने का प्रयास करेंगे।
एसआइटी के शिकंजे में आया एक कर्मचारी फीरोजाबाद का :
एसआइटी ने विवि के जिन चार कर्मचारियों को लखनऊ बुलाकर गिरफ्तार किया है। उन्हें विवि ने निलंबित कर दिया है। बताया जाता है इनमें से एक कर्मचारी फीरोजाबाद का निवासी है। शहर से मार्कशीट में होने वाले अधिकांश खेल इसके द्वारा ही होते थे। कर्मचारी के जरिए काम कराने वाले सिर्फ शिक्षक ही नहीं, वो लोग भी परेशान हैं जो प्राइवेट रूप से कहीं नौकरी कर रहे हैं।
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'अभी सिर्फ जानकारी मिली है। बताया जा रहा है एसआइटी सीडी में सूची भेज रही है। सीडी मिलने के बाद शिक्षकों को छांटेंगे तथा सख्त कार्रवाई करेंगे।'
-डॉ.सच्चिदानंद यादव
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी

फीरोजाबाद
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