लखीमपुर : जिले के टीईटी उत्तीर्ण व डीपीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों का वर्ष 2016 में हुई 16448 शिक्षकों की भर्ती में शामिल न किए जाने के मामले को लेकर जिले के शिक्षक मुख्यमंत्री से मिले और उन्हें शिक्षक भर्ती
प्रक्रिया में हुई शिक्षक भर्ती में अनियमितताओं की जानकारी दी।
शिकायत के मुताबिक इस भर्ती की काउंसि¨लग 16 व 24 अगस्त को कराई गई थी। इसमें तत्कालीन बीएसए ने काउंस¨लग प्रक्रिया में डीबीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को काउंसि¨लग प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। अभ्यर्थियों ने इस मामले की शिकायत DM के समक्ष भी की थी। इसके बावजूद उनके इस मामले पर कोई विचार नहीं हो सका। शिकायत कर्ताओं का यह भी आरोप था कि काउंसि¨लग के लिए डीबीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को काउंसि¨लग स्थल से यह कहकर भगा दिया गया कि उन्हें इस भर्ती में शामिल नहीं किया जाएगा। जबकि कई अन्य जिलों में भर्ती की गई है। Secretary Basic Education Council ने 26 अगस्त 2016 को एक आदेश पारित किया कि इसमें एनओसी न होने के कारण किसी अभ्यर्थी को काउंसि¨लग से वंचित न करने और कई जिलों में विज्ञप्तियां निकालकर छूटे हुए डीबीटीसी अभ्यर्थियों को काउंसि¨लग के लिए बुलाया गया, लेकिन खीरी जिले में न ही कोई विज्ञप्ति निकाली गई और न अभ्यर्थियों को काउंस¨लग के लिए बुलाया गया। मजबूरन डीबीटीसी शिक्षकों को Court की शरण में जाना पड़ा। जहां से एक सितंबर 2016 को यह आदेश जारी हुआ यदि कोई शिक्षक कटआफ में आता है तो उसे नियुक्ति पत्र दिया जाए। कटआफ व जिला मेरिट जो प्रथम वरीयता की काउंसि¨लग 16 व 17 अगस्त को हुई जिसमें मेरिट की अंतिम कटआफ से उच्च गुणांक रखते हैं। जिला मेरिट की प्रथम वरीयता की काउंसि¨लग 16 व 17 अगस्त को हुई थी। न्यायालय के आदेश पर डीबीटीसी अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग आठ नंवबर 2016 को करवाई गई। यह कहा गया कि जिले में पद नहीं हैं। यह कहकर टाल दिया गया। इसके अलावा प्रतिनिधि मंडल में सुधीर कुमार, संदीप कुमार, अर¨वद कुमार व धर्मेंद्र कुमार शामिल थे
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प्रक्रिया में हुई शिक्षक भर्ती में अनियमितताओं की जानकारी दी।
शिकायत के मुताबिक इस भर्ती की काउंसि¨लग 16 व 24 अगस्त को कराई गई थी। इसमें तत्कालीन बीएसए ने काउंस¨लग प्रक्रिया में डीबीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को काउंसि¨लग प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। अभ्यर्थियों ने इस मामले की शिकायत DM के समक्ष भी की थी। इसके बावजूद उनके इस मामले पर कोई विचार नहीं हो सका। शिकायत कर्ताओं का यह भी आरोप था कि काउंसि¨लग के लिए डीबीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को काउंसि¨लग स्थल से यह कहकर भगा दिया गया कि उन्हें इस भर्ती में शामिल नहीं किया जाएगा। जबकि कई अन्य जिलों में भर्ती की गई है। Secretary Basic Education Council ने 26 अगस्त 2016 को एक आदेश पारित किया कि इसमें एनओसी न होने के कारण किसी अभ्यर्थी को काउंसि¨लग से वंचित न करने और कई जिलों में विज्ञप्तियां निकालकर छूटे हुए डीबीटीसी अभ्यर्थियों को काउंसि¨लग के लिए बुलाया गया, लेकिन खीरी जिले में न ही कोई विज्ञप्ति निकाली गई और न अभ्यर्थियों को काउंस¨लग के लिए बुलाया गया। मजबूरन डीबीटीसी शिक्षकों को Court की शरण में जाना पड़ा। जहां से एक सितंबर 2016 को यह आदेश जारी हुआ यदि कोई शिक्षक कटआफ में आता है तो उसे नियुक्ति पत्र दिया जाए। कटआफ व जिला मेरिट जो प्रथम वरीयता की काउंसि¨लग 16 व 17 अगस्त को हुई जिसमें मेरिट की अंतिम कटआफ से उच्च गुणांक रखते हैं। जिला मेरिट की प्रथम वरीयता की काउंसि¨लग 16 व 17 अगस्त को हुई थी। न्यायालय के आदेश पर डीबीटीसी अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग आठ नंवबर 2016 को करवाई गई। यह कहा गया कि जिले में पद नहीं हैं। यह कहकर टाल दिया गया। इसके अलावा प्रतिनिधि मंडल में सुधीर कुमार, संदीप कुमार, अर¨वद कुमार व धर्मेंद्र कुमार शामिल थे
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