UPTET 2017 में इंटरनेट का प्रमाणित अंकपत्र भी होगा मान्य, शासन की अनुमति पर अभ्यर्थियों को मिली बड़ी राहत

इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी 2017 में इंटरनेट का प्रमाणित अंकपत्र भी मान्य कर दिया गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने अभ्यर्थियों की मांग पर शासन से अनुमति लेकर उन्हें बड़ी राहत दी है।
उन्होंने इस संबंध में सभी जिलों व केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश जारी कर दिया है। सचिव डा. सिंह ने परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थियों को बैठने से रोकने के लिए बीएड व बीटीसी प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष का मूल प्रमाणपत्र लाना अनिवार्य किया था। इस निर्देश के बाद अभ्यर्थियों में हड़कंप था। कानपुर विश्वविद्यालय समेत तमाम संस्थाओं के अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को अवगत कराया कि उन्हें अब तक अंतिम वर्ष का मूल प्रमाणपत्र नहीं मिला है, इंटरनेट पर अंकपत्र जरूर जारी हो चुका है। इस निर्देश से उनकी परीक्षा प्रभावित होगी। बीटीसी-2015 के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा दे चुके प्रशिक्षुओं का कहना है कि उन्हें अब तक सिर्फ प्रथम सेमेस्टर का ही प्रमाणपत्र मिला है। दूसरे सेमेस्टर का परिणाम कई जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में है, जबकि तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर का अंकपत्र जिलों को नहीं मिला है। इससे चतुर्थ सेमेस्टर की परिणाम पास नहीं होने के कारण अभ्यर्थियों में संशय बना है। सचिव का कहना है कि परीक्षा केंद्र में उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रवेश मिलेगा जो प्रवेश पत्र के साथ अपने ऑनलाइन आवेदन में अंकित फोटोयुक्त पहचान पत्र तथा प्रशिक्षण योग्यता (बीएड या बीटीसी आदि) प्रमाणित प्रमाणपत्र या अंकपत्र की प्रति लाएंगे।

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