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शिक्षामित्र आत्महत्या मामले में जांच को पहुंचे विशेष सचिव

जागरण संवाददाता, एटा: शिक्षामित्र मनमोहन ¨सह की आत्महत्या मामले में शासन के निर्देश पर विभागीय लापरवाही की जांच करने शनिवार सुबह विशेष सचिव राज ¨लगम संकुल भवन पहुंच गए। लगभग चार घंटे उन्होंने विभाग के शिक्षामित्रों के मानदेय संबंधी विभिन्न अभिलेखों और पत्रावलियों की सघन पड़ताल की।
वहीं विभागीय अधिकारियों से भी पूछताछ करते हुए उनके तथा लिपिकों के भी बयान दर्ज किए। उधर विशेष सचिव के पहुंचने की जानकारी पर निलंबित बीएसए के समर्थन में भी शिक्षक संगठनों ने उनसे मुलाकात कर शासन की कार्रवाई को गलत बताते हुए निलंबन वापसी को ज्ञापन सौंपे।

अवागढ़ ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय औनेरा में नियुक्त समायोजित शिक्षामित्र की आत्महत्या के मामले को विधान परिषद में शिक्षक विधायक जगवीर किशोर जैन द्वारा उठाए जाने के बाद बीएसए एसके तिवारी को निलंबित कर जांच के लिए विशेष सचिव को एटा भेजा गया। यहां पहुंचते ही विशेष सचिव सीधे संकुल भवन स्थित बीएसए कार्यालय पहुंचे। उन्होंने निलंबित बीएसए, विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी अजय यादव के अलावा शिक्षामित्रों के मानदेय कार्य से जुड़े अन्य लिपिकों से पूछताछ की। वहीं अभिलेखों को देखकर कई तरह के साक्ष्य रिपोर्ट के साथ शासन को प्रस्तुत करने के लिए जुटाए। 11 बजे से शुरू हुई जांच पड़ताल 3 बजे के बाद तक चलती रही।
विशेष सचिव कार्यालय में अंदर जांच करते रहे तो बाहर शिक्षक-शिक्षिकाओं और शिक्षक व शिक्षामित्र संगठनों के पदाधिकारियों की भी भीड़ जुटती रही। संगठनों द्वारा मामले में उनका भी पक्ष रखे जाने को लेकर विशेष सचिव से अनुरोध किया गया। तमाम शिक्षक-शिक्षिकाएं तो संकुल भवन के बाहर बीएसए के निलंबन का विरोध करते हुए नारेबाजी भी करते दिखे। बाद में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष संजय शर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष लोकपाल ¨सह, शशिकांत शर्मा, प्रशिक्षित शिक्षक संघ के सुमित मिश्रा, अनुराग उपाध्याय आदि ने विशेष सचिव को ज्ञापन सौंपकर निलंबन पर आपत्ति जताई तथा उनकी कार्यशैली से विभागीय सुधार और समस्याओं के निस्तारण की स्थिति को भी रखा। बाद में विशेष सचिव जिलाधिकारी से मिलने के बाद रवाना हो गए। उनका कहना था कि वह अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे।
लेखाधिकारी पर भी गिर सकती है गाज: भले ही विशेष सचिव ने जांच को लेकर कुछ भी कहने से मना कर दिया, लेकिन शिक्षामित्रों के मानदेय के भुगतान को लेकर कई कमियां विभाग के लेखा की भी सामने आई हैं। सूत्रों की मानें तो यदि जांच में लेखा विभाग की लापरवाही स्पष्ट है तो लेखाधिकारी पर भी गाज गिर सकती है।

शिक्षामित्रों में भी पड़ी दरार:

शिक्षामित्रों का एक संगठन जहां विभागीय लापरवाही को लेकर मोर्चा लेता नजर आ रहा था। वहीं विशेष सचिव के समक्ष आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने बीएसए को पूरी तरह बेकसूर बताते हुए शिक्षामित्र की आत्महत्या को घरेलू कारणों से होना बताया। वहीं दूरस्थ बीटीसी शिक्षामित्र संगठन के जिलाध्यक्ष सुद्योतकर यादव ने ज्ञापन निष्पक्ष न्याय की बात कही।

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