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यूपी: शिक्षकों ने मुख्यमंत्री योगी के नाम लिखा खून से पत्र, 11 दिन से बैठे हैं धरने पर

यूपी के बागपत में मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर अपनी मांगों के समर्थन में धरने पर बैठे वित्त विहीन शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को अपने खून से पत्र लिखा। अवगत कराया कि 87 प्रतिशत शिक्षक विद्यालयों में शिक्षण का कार्य कराते हैं, उसके बावजूद उनका मानदेय बंद कर दिया गया। इससे शिक्षकों को पीड़ा पहुंची है।

वित्त विहीन शिक्षकों ने मूल्यांकन का बहिष्कार किया हुआ है और मूल्यांकन केंद्र के बाहर 11 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट किया जा रहा है। महासभा के जिलाध्यक्ष रमेश चंद यादव और अंकुर त्यागी ने अपने खून से मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने पीड़ा बताते हुए कहा कि 87 प्रतिशत वित्त विहीन शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे है। इन्हें सरकार की ओर से कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है। जो मानदेय दिया जा रहा था उसे भी बंद कर दिया गया।

उन्होंने समान कार्य और समान वेतन की व्यवस्था के अंतर्गत सेवा सुरक्षा निर्धारित करने की मांग की। शिक्षकों ने चेतावनी दी मांग पूरी नहीं हुई तो संघर्ष जारी रहेगा। इसमें संजीव शर्मा, वीरेंद्र सिंह, अशोक बंधु, अजय कौशिक, अंकुर त्यागी, वीरेंद्र सिंह, रेखा, नीलम, प्रीति, मिथलेश कुमारी, कृष्णपाल बुढेड़ा, अनीश जैन, मीनाक्षी, कविता चौहान, प्रेमचंद शर्मा आदि रहे।
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